अजय ,अमर, अविनाशी आत्मा का #ईश समागम आधार बन जाती है मृत्यु। अजय ,अमर, अविनाशी आत्मा का #ईश समागम आधार बन जाती है मृत्यु।
और माँ तुम कहती हो कि लड़के रोते नहीं, रोना तो है अपने भावों का प्रदर्शन कोई शर्म की बा और माँ तुम कहती हो कि लड़के रोते नहीं, रोना तो है अपने भावों का प्रदर्शन कोई श...
है कैसा सितम दूर जाने हो तुम क्यों!भर लू बाहों में तुमको जी चाहता है!! है कैसा सितम दूर जाने हो तुम क्यों!भर लू बाहों में तुमको जी चाहता है!!
पापा आज भी घर जाती हूँ , सब नजर आते हैं एक आप ही नहीं । आज भी लगता है आप आओगे और पूछो पापा आज भी घर जाती हूँ , सब नजर आते हैं एक आप ही नहीं । आज भी लगता है आप आ...
कारवां हूं काफिले का कोई रहगुजर नहीं चंद लकीरे हूं हाथों की पर मुकद्दर नहीं चारदीवारी कारवां हूं काफिले का कोई रहगुजर नहीं चंद लकीरे हूं हाथों की पर मुकद्दर नहीं ...
अब सब सुन रहे हैं मुझे। अब सब सुन रहे हैं मुझे।